: बायोडाटा न श्रीमहंत लैटर पैड पर, न उनके हस्ताक्षर, पोर्टल को हथियार बनाकर किया दुष्प्रचार का षड्यंत्र, दावों की निकली हवा
हरिद्वार: एक संत के चर्चित हत्याकांड में पुलिस की जांच का सामना कर चुके हरिद्वार के एक संत ने अखिल भारतीय अखड़ा परिषद व मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी के खिलाफ नई साजिश रच डाली। लोकसभा चुनाव में श्रीमहंत की दावेदारी का हवाला देते हुए संत ने उनका फर्जी डाटा बायोडाटा वायरल कर दिया। लेकिन संत का दांव उल्टा पड़ गया। क्योंकि जिस दस्तावेज को श्रीमहन्त रविंद्र पुरी का बायोडाटा बताया गया, वह ना तो श्रीमहंत रविंद्र पुरी के लैटर पैड पर है और न ही उस पर श्रीमहंत रविंद्र पुरी के हस्ताक्षर हैं। साजिश की अगली कड़ी में एक पोर्टल को हथियार बनाया गया। जिसमें फर्जी खबर चलवाई गई। लेकिन खबर में किए गए दांवों की भी कुछ देर में ही हवा निकल गई।
इस खबर में दावा किया गया कि संत ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है, जबकि हकीकत यह है कि श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज अपने अखाड़े में मौजूद हैं। ऐसे में साफ है कि संत ने साजिश रचने से पहले होमवर्क नहीं किया। पोर्टल के कथित पत्रकार ने भी सच्चाई जानने की जहमत नहीं उठाई और साजिश का हिस्सा बन गया। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि संत को नई साजिश करने की आखिर क्या जरूरत आन पड़ी।
हद ये है कि श्रीमहंत रविंद्र पुरी के नाम से बनाए गए फर्जी बायोडाटा में महंत की स्पेलिंग तक ठीक नहीं है। जिससे यह भी पता चल रहा है कि इस पूरी साजिश में संत ने कम पढ़े-लिखे दो कौड़ी के उठाईगिर व तथाकथित पत्रकारों का सहयोग लिया गया है। कुल मिलाकर संत की साजिश खुद ही औंधे मुंह गिर पड़ी है और श्रीमहंत रविंद्र पुरी अब इस पूरे मामले में कानूनी कार्रवाई की तैयारी में है।