हरिद्वार के जुर्स कंट्री में नवनिर्मित श्री दिगंबर जैन मंदिर में भगवान 1008 श्री आदिनाथ जी का पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ शुक्रवार को भव्य घट कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ।
मुख्य यजमान यूसी जैन ने घट कलश यात्रा का शुभारंभ किया। यह यात्रा बैंड-बाजों, सुंदर झांकियों, हाथी-घोड़े, और स्वर्ण रथ के साथ निकाली गई। अंकित जैन और हन्नी जैन के नेतृत्व में हजारों महिलाएं सिर पर कलश लेकर यात्रा में सम्मिलित हुईं। यात्रा जुर्स कंट्री के मुख्य गेट से प्रारंभ होकर द विजडम ग्लोबल स्कूल में बने भव्य पंडाल तक पहुंची, जहां घट कलशों के पवित्र जल से शुद्धिकरण संपन्न किया गया।
महोत्सव के अवसर पर 108 उपाध्याय डॉक्टर गुप्ती सागर महाराज ने अपने प्रवचन के माध्यम से श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने कहा कि इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेना आत्म-शुद्धि और पुण्य अर्जित करने का सौभाग्यशाली अवसर है।
महाराज श्री ने जैन धर्म के श्रद्धालुओ से अपील की सभी अपने घर के ऊपर या गेट पर जैन ध्वजा लगाए।
महामंत्री अमित जैन ने बताया कि यह केवल जैन समाज का आयोजन नहीं है, बल्कि अन्य धर्मों और समाजों के लोग भी इस धर्मसभा में सम्मिलित होकर महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
घट यात्रा के उपरांत जेसी जैन और यूसी जैन परिवार द्वारा ध्वजारोहण किया गया। पंडाल का उद्घाटन संदीप जैन और अर्चना जैन (एकम्स परिवार) ने किया। वहीं, चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन बालेश जैन और सतीश जैन के कर-कमलों से संपन्न हुआ।
महोत्सव में आए श्रद्धालुओं का मुख्य संयोजक निखिल जैन, महामंत्री अमित जैन, मीडिया प्रभारी आदेश जैन, राजीव जैन एवं अन्य सदस्यों ने स्वागत किया।
विनय जैन,इंदु जैन,ऋषभ जैन,सोनल जैन,राजीव जैन,आरती जैन ये सभी पंचकल्याण के मुख्य पात्र हैं।
इस पावन अवसर पर सतीश जैन, बालेश जैन, वकील चंद जैन, विजय जैन, संदीप जैन, रवि जैन, अजय जैन, समर्थ जैन, अंकित जैन, हनी जैन, गौरव जैन, अनुभव जैन, सोनल जैन, कल्पना जैन, आरती जैन, ऋचा जैन, अर्चना जैन, पूजा जैन, ऋतु जैन, प्रियंका जैन, गरिमा जैन, जितेंद्र जैन, मनोज जैन, पंकज शास्त्री सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
महायज्ञ एवं प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे। 108 उपाध्याय डॉक्टर गुप्ती सागर महाराज जी के सानिध्य में विभिन्न धार्मिक विधियाँ संपन्न होंगी। यह आयोजन विश्व शांति, धर्म की स्थापना और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जा रहा है।