संतो के समागम में, मुख्यमंत्री धामी का हुआ सम्मान

*प्रयागराज महाकुंभ में संतो में समान नागरिक संहिता की गूंज।*

*मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के सम्मान में संतो द्वारा आयोजित हुआ समानता के साथ समरसता कार्यक्रम।*

*संतो के कुंभ में यूसीसी लागू करने पर मुख्यमंत्री का हुआ सम्मान।*

*समान नागरिक संहिता लागू करने पर संत समाज ने प्रयागराज महाकुंभ में मुख्यमंत्री का किया अभिनंदन।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आचार्य शिविर, सेक्टर-09, गंगेश्वर मार्ग, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आयोजित ‘समानता के साथ समरसता’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सभी संतो ने उत्तराखंड राज्य में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू करने पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। संतो द्वारा पुष्पमाला के साथ मुख्यमंत्री को सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी संतो को धन्यवाद अर्पित करते हुए कहा कि त्रिवेणी की पवित्र भूमि और महाकुंभ के शुभ अवसर पर पूज्य संतों का आशीर्वाद मिलना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की कल्पना में पूज्य संतों का आशीर्वाद सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा समान नागरिक संहिता लागू करना, विकसित भारत की ओर कदम बढ़ाना है। मेरा जो सम्मान संतों ने किया है, वो उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक का सम्मान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले हमने उत्तराखंड की जनता के सामने समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प रखा था। उन्होंने कहा जनता ने हमें अपना आशीर्वाद दिया। सरकार बनने के बाद सबसे पहले मंत्रिमंडल की बैठक में समान नागरिक संहिता के लिए कमेटी का गठन किया गया। जिसके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड की राज्य सरकार ने देश की आजादी के बाद सबसे पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू किया।

मुख्यमंत्री ने कहा देवभूमि में किसी भी धर्म, जाति के रहने वाले लोगों के लिए अब समान कानून हैं। प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद के कारण ही हम उत्तराखंड में यूसीसी लागू कर पाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने भी समान कानूनों का प्रावधान किया था। उत्तराखंड देवभूमि है, हमारा राज्य गंगा, यमुना, चार धामों, आदि कैलाश, संतो का प्रदेश है। उत्तराखंड राज्य में प्रत्येक घर का सदस्य सेना में है। देश के हर स्थान में देवभूमि का युवा, मां भारती की सेवा कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा महाकुंभ हमारी सनातन संस्कृति की विशालता का एक प्रतीक सूत्र है। महाकुंभ के अवसर पर सभी महान संतों का आशीर्वाद मिलना उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। हमारी सनातन संस्कृति सदैव समरसता और समानता की संभावक रही है। सनातन संस्कृति हम सबको समानता का अधिकार देना सिखाती है। सनातन संस्कृति की प्रेरणा से राज्य सरकार समान नगरिक संहिता लागू करने का साहसिक निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता न्याय और समानता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। देवभूमि उत्तराखंड से समान नागरिक संहिता की यह गंगा अवश्य ही संपूर्ण देश में जाएगी। यह समान कानून देश को दिशा दिखाने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा यूसीसी प्रधानमंत्री जी के एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को भी पूरा करती है। यह हमारी भावी पीढ़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने 2022 में दिल्ली में श्रद्धा वाकर की हत्या की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद इस प्रकार की घटना पूर्ण रूप से बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा अब हमारी बेटियों के साथ कोई भी ऐसा अपराध नहीं कर पाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में सभी राज्यों में यूसीसी लागू किया जाएगा।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि उत्तराखंड जैसा दिव्य स्थान कोई नहीं है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सभी संतो के बेहद प्रिय हैं। महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि भारत के सभी संत मुख्यमंत्री श्री धामी जी के साथ हैं। छोटा राज्य होने के बाद भी उत्तराखंड सबसे बड़ा बन गया है, जिसमें समान नागरिक संहिता सबसे पहले लागू हो गई है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी लागू करके भारत को बल दिया है। अब उत्तराखंड के साथ अन्य राज्य भी यूसीसी लागू करने की ओर कदम बढ़ाएंगे।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी लागू कर समाज में भेदभाव को खत्म कर दिया है। उत्तराखंड सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वो भारतीय परंपराओं के प्रति कितने संवेदनशील है। उन्होंने कहा हम सभी संत गण अत्यंत गौरवान्वित है कि हम जिस राज्य से आते हैं, जहां हम रहते हैं, जो हमारी जन्मभूमि, कर्मभूमि है, उस राज्य के मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता लागू करके दिखा दिया है। उन्होंने कहा यूसीसी कि कमेटी ने स्वयं जाकर साधु संतों से भी संवाद किया था।

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि हमारे देश के सभी साधु संत आज मुख्यमंत्री धामी के सम्मान के लिए यहां उपस्थित है। अब दूसरे राज्यों में भी मुख्यमंत्री धामी जी के कारण यूसीसी लागू होगा।

स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने कहा कि चार धामों, उत्तराखंड की पावन धरती, मां गंगा, मां यमुना ने मुख्यमंत्री श्री धामी को चुना है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड की पवित्र भूमि से विशेष प्रेम है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री धामी जी ने उपासक के रूप में उत्तराखंड की सेवा का संकल्प लिया है। पूरे कुंभ मेले में कई कार्यक्रम हुए पर इस कार्यक्रम में पूरे विश्व को दिखाया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री धामी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता की मांग को पूरी करके भारत माता का मान बढ़ाया है। उत्तराखंड को जो लोग बदलने की सोचते थे उन सब पर मुख्यमंत्री धामी ने नकेल कसी है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री धामी जी ने समान नागरिक संहिता लागू करके सर्व समाज की बात की है। इस देश में आत्म मंथन करके जो अमृत आया, वो समान नागरिक संहिता है। उन्होंने कहा यूसीसी लागू करके मुख्यमंत्री धामी ने भारत के लिए एक नई राह दिखाई है।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी जी महाराज, श्री महंत रविंद्रपुरी जी महाराज, महंत श्री हरि गिरी जी महाराज, महामंडलेश्वर नारायण गिरी जी महाराज, महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति, महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषानंद गिरी महाराज एवं अन्य संतगण बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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