*भगवान शिव सरलता, करुणा और क्षमा के प्रतीक हैं:श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज*
*श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने मंशेश्वर महादेव शिवलिंग का जलाभिषेक कर विश्व कल्याण, सुख व समृद्धि की प्रार्थना की*
हरिद्वार, 11 जुलाई 2025
श्रावण मास की शुरुआत के साथ हरिद्वार स्थित पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के समीप मां मनसा देवी चरण पादुका मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने विधिपूर्वक मंशेश्वर महादेव शिवलिंग का जलाभिषेक कर विश्व कल्याण, सुख व समृद्धि की प्रार्थना की।
मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से परिपूर्ण रहा और “हर हर महादेव” व “बोल बम” के जयघोषों से वातावरण भक्तिमय रूप से गुंजायमान हो उठा। श्रीमहंत रविंद्र पुरी जी ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रावण मास मात्र एक माह नहीं, बल्कि शिव भक्ति का पर्व है। इस पवित्र माह में भगवान शिव की पूजा-व्रत, रुद्राभिषेक, सोमवार व्रत एवं पंचामृत से अभिषेक करने की विशेष महत्ता है।
श्रावण मास में भगवान शिव की विशेष कृपा भक्तों पर बरसती है। इस मास में शिव की पूजा से जीवन धन-धान्य से भर जाता है। रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और ग्रह दोष दूर होते हैं।
महंत रविंद्र पुरी ने बताया ध्यान और श्रद्धा से किया गया रुद्राभिषेक विशेष फलदायक होता है। उन्होंने बताया कि पंचामृत—जिसमें दूध, दही, घी, शहद और मिश्री अथवा गंगाजल शामिल होता है—वरदान स्वरूप होता है और शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है ।
श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा साधारण व्रत से भी शिवजी प्रसन्न हो जाते हैं, यदि आस्था, संयम और समर्पण भाव साथ हो तो। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया कि शिव तत्व को अपनाकर जीवन में संयम, सेवा और साधना को आत्मसात करें।
भगवान शिव सरलता, करुणा और क्षमा के प्रतीक हैं। थोड़े से जलाभिषेक एवं श्रद्धा से वे प्रसन्न हो जाते हैं। उनके स्मरण मात्र से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं, चित्त शांत होता है और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
उन्होंने बताया कि शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि चढ़ाने से विद्या-वृद्धि, परिवार में सौहार्द्र और मानसिक शांति आती है। शिव भक्तों को यह विश्वास दिलाया कि सावन मास में विधिवत पूजा-व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।