मुख्यमंत्री ने चतुर्थ ‘उत्तराखण्ड लोक विरासत’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल, हरिद्वार बाईपास, देहरादून में चतुर्थ ‘उत्तराखण्ड लोक विरासत’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टालों का भी अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के कोने-कोने से लोक कलाकारों को एक मंच पर लाकर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और उसे भावी पीढ़ी तक पहुँचाने की यह सराहनीय पहल है। उन्होंने उत्तराखंड लोक विरासत टीम के सभी सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे उत्तराखंड के सभी लोक कलाकार अपनी मेहनत और लगन से उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति बहुत विशाल और विशिष्ट है। लोक गायन, लोक संगीत और लोकनृत्य की अनेकों प्रकार की शैलियाँ और अनेकों प्रकार के वाद्य यंत्र हमारी लोक संस्कृति को और अधिक समृद्ध बनाते हैं। आज छोलिया नृत्य, झोड़ा, चांचरी, नेवली, पांडव नृत्य और मुखौटा नृत्य जैसे अनेकों लोकनृत्य हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युवा हमारे लोक संगीत को पसंद करते हैं और उसे आगे बढ़ाने का भी कार्य कर रहे हैं। आजकल युवा अपना म्यूजिकल बैंड बनाकर उत्तराखंड के लोक-गीतों को नए कलेवर के साथ एक नई पहचान देने का भी कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के चहुँमुखी विकास के साथ ही सांस्कृतिक विकास के लिए भी प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है। सरकार द्वारा लोक भाषाओं व लोक साहित्य में कुमाऊंनी, गढ़वाली, जौनसारी सहित राज्य की अन्य बोलियों व उप-बोलियों में उत्कृष्ट साहित्य सेवा के लिए उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों का पुनर्निर्माण करवाने के साथ ही सांस्कृतिक मेलों का आयोजन और अधिक भव्य रूप में किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विभिन्न स्थानीय भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन एवं फिल्म निर्माण के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है।हाल ही में हमारी पहली जौनसारी फीचर फिल्म रिलीज़ हुई है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने प्रदेश के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। प्रदेश में कड़ा “धर्मांतरण विरोधी कानून” भी लागू किया है। प्रदेश में ज़मीनें खरीदने वाले बाहरी लोगों की गहनता से जाँच की जा रही है। अगर कोई भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके भूखंड को सरकारी संपत्ति में निहित किया जाएगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार जल्द ही सख्त भू-कानून लेकर आने वाली है।

इस अवसर पर लोकगायक श्री नरेंद्र सिंह नेगी, पद्म श्री प्रीतम भरतवाण, कमला देवी उत्तराखण्ड लोक विरासत ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ केपी जोशी, सुधीर नौटियाल एवं अन्य लोग उपस्थित रहे ।

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