हरिद्वार, 3 अक्टूबर: हरिद्वार के उत्तरी क्षेत्र में सप्तसरोवर स्थित माता लाल देवी मंदिर में गुरुवार को शारदीय नवरात्रि पर्व की प्रथम दिन धूमधाम से शुरुआत हुई। मंदिर परिसर में कलश स्थापना की गई, जो कि नवरात्रि पूजा का प्रारंभिक और महत्वपूर्ण चरण होता है। भक्तों ने मां दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए विधि विधान से पूजा अर्चना की।
मंदिर के संचालक भक्त दुर्गा दास ने मां भगवती की विधिपूर्वक पूजा करवाई। पूजा के दौरान मंत्रोच्चार और धार्मिक विधियों के साथ मां दुर्गा का आवाहन किया गया। शारदीय नवरात्रि के इस विशेष अवसर पर भक्तों ने पूरे उत्साह और आस्था के साथ मां दुर्गा की आराधना की। संचालक भक्त दुर्गा दास ने मां शैलपुत्री का उल्लेख करते हुए भक्तों को उनके महत्व और पूजन की विधि के बारे में विस्तार से बताया।
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को प्रकृति की देवी माना जाता है, जिनके दर्शन से जीवन में संतुलन और शांति का संचार होता है। संचालक भक्त दुर्गा दास ने मां शैलपुत्री के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि उनकी आराधना से मनुष्य को धैर्य, साहस और बल प्राप्त होता है।
पूजन कार्यक्रम के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया और मां दुर्गा के नौ रूपों की महिमा का गुणगान किया। श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन की पूजा का समापन किया।
पूजन कार्यक्रम में आचार्य हेमंत थपलियाल,आचार्य हीरा जोशी, राकेश सकलानी, अश्वनी दीक्षित, दीवान सिंह जगदंबा प्रसाद एवं अन्य श्रद्धालु गण आदि मौजूद रहे।