कांगड़ी क्षेत्र से शराब ठेका हटाने की उठी मांग, महामंडलेश्वर गर्व गिरि महाराज ने प्रशासन से की अपील

Haridwar । बाबा वीर भद्र सेवाश्रम न्यास आश्रम के परमाध्यक्ष एवं जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरि महाराज ने कांगड़ी क्षेत्र में स्थित शराब ठेके को हटाने की पुरजोर मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार एक ओर नशा मुक्त समाज की दिशा में सराहनीय पहल कर रही है, वहीं दूसरी ओर संतों, महंतों और सनातन प्रेमियों की आस्था के केंद्र कहे जाने वाले कांगड़ी क्षेत्र में शराब का ठेका खुला होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आश्रम बाहुल्य है, जहां हजारों की संख्या में संत-महात्मा, महामंडलेश्वर और सनातन धर्म से जुड़े श्रद्धालु निवास करते हैं या नियमित रूप से आते-जाते रहते हैं। ऐसे में नेशनल हाइवे के पास शराब ठेका होना न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि इससे क्षेत्र की गरिमा भी प्रभावित हो रही है।

स्वामी गर्व गिरि महाराज ने यह भी कहा कि जिस स्थान पर शराब का ठेका स्थित है, वहीं सामने आश्रमों में जाने के लिए एक कट भी बना हुआ है। यह कट अब तक कई दुर्घटनाओं का कारण बन चुका है, जिससे आमजन व श्रद्धालुओं को जान-माल की हानि उठानी पड़ी है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस कट को हटाया जाए और शराब ठेके को हाईवे से दूर किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और धार्मिक वातावरण भी बना रहे।

महामंडलेश्वर गर्व गिरि ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार कांवड़ यात्रा को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी दिशा में अब समय आ गया है कि कांगड़ी जैसे पवित्र क्षेत्र को भी नशे से मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि यह ठेका धार्मिक क्षेत्र की मर्यादा का उल्लंघन कर रहा है और आस्था का अपमान भी है।

उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो संत समाज को साथ लेकर एक शांतिपूर्ण जनआंदोलन भी शुरू किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने सभी सनातन प्रेमियों, स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद करें और सरकार तक इस असंवेदनशील निर्णय के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराएं।

उन्होंने आशा जताई कि मुख्यमंत्री धामी और जिला प्रशासन जल्द ही इस गंभीर विषय पर सकारात्मक निर्णय लेंगे और क्षेत्र की धार्मिक गरिमा बनाए रखने की दिशा में उचित कदम उठाएंगे।

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