हरिद्वार/लालढांग
श्री गुरूद्वारा सन्त सागर बाउली साहिब गेंड़ीखाता में पहली पातशाही गुरू नानकदेव जी के 555 वें प्रकाश पर्व को समर्पित सालाना गुरुमत समागम का आयोजन किया गया ।इस अवसर पर सिख पंथ के प्रसिद्ध कविसर, कीर्तन, कथा वाचकों ने गुरू महिमा और सिख इतिहास से रूबरू कराया। श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर से आये हजूरी रागी भाई बलदेव सिंह के जत्थे
ने गुरुवाणी कीर्तन श्रवण कराया। पंजाब के प्रसिद्ध कविशर जत्था भाई मनवीर सिंह और साथियो ने गुरु नानक देव जी के जीवनी और सिद्धांतों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। वही हजूरी ज्ञानी गुरमीत सिंह के जत्थे ने गुरूबाणी कीर्तन से संगतों को निहाल किया। श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर के हैड प्रचारक ज्ञानी जसदेव सिंह ने गुरुनानक देव जी की हरिद्वार यात्रा का व्रतान्त सुनाया।
समागम के आयोजक कारसेवा संत भूरीवाले बाबा कश्मीर सिह व बाबा सुखविंदर सिंह द्वारा अटूट गुरू का लंगर लगाया गया। वही दूर दराज से आये सिख श्रद्धालुयों ने सेवा कर जीवन सफल किया।वही गुरमत समागम में आसपास क्षेत्र देहरादून, डोईवाला, हरिद्वार, रुड़की, ऐथल, पथरी, लक्सर, नजीबाबाद, काशीपुर और पंजाब आदि से सैकड़ो सिख संगतों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया इस मौके पर विभिन्न प्रकार के गुरू के लंगर भी लगाया गये।
समागम के आयोजक बाबा सुखविन्दर सिह भूरीवाले ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब गेंड़ीखाता गुरु नानक देव जी की चरण छौ प्राप्त पूज्नीय पुरातन स्थल है। जहाँ सिख संगतों के सहयोग से हर वर्ष गुरु नानक देव का महान प्रकाश पर्व के अवसर पर गुरमत समागम का आयोजन किया जाता है जिसमे भारी संख्या में गुरूनानक नाम लेवा श्रद्धालु पहुचते है।
गुरमत समागम में बाबा परमजीत सिंह, स चंचल सिंह, बलबीर सिंह, अमरजीत सिंह, चरंजीत सिंह,सर्वण सिंह, कर्म सिंह, और प्रबंधक कमेटी के सदस्य उपस्थित रहे।