हरिद्वार 14 अक्टूबर।
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में तीन दिवसीय राष्ट्रीय परिव्राजक गरिमा शिविर का शुभारंभ हुआ। शिविर का उद्घाटन देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या तथा शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया।
इस अवसर पर युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पंड्या ने प्रतिभागियों को युग निर्माण का मूलमंत्र बताते हुए कहा कि परिव्राजक युग निर्माण मिशन का सच्चा प्रतिनिधि है और वह समाज में जागरण, संस्कार और सेवा के सूत्रधार है। सेवा, साधना और संगठन पर आधारित जीवन शैली ही युगधर्म है, जिसे सभी अपने जीवन में आत्मसात कर समाज को दिशा दे रहे हैं।
शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि ने कहा कि परिव्राजक देश-विदेश में प्रज्ञा संस्थानों के माध्यम से रचनात्मक कार्यक्रमों का संचालन करते हुए जनजागरण का कार्य कर रहे हैं। इनकी गरिमा, समर्पण एवं सेवाभाव के मद्देनजर यह शिविर विशेष रूप से आयोजित किया गया है। ज्ञात हो कि शांतिकुंज के देश-विदेश में 5000 से अधिक प्रज्ञा संस्थान सक्रिय हैं, जहाँ ये परिव्राजक स्थानीय परिजनों के सहयोग से यज्ञीय, नैतिक एवं सामाजिक गतिविधियाँ संचालित करते हैं। तीन दिवसीय इस शिविर में विचारशील व्याख्यान, आत्म मंथन सत्र, प्रशिक्षण कार्यशालाएँ आदि विविध गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभा विकास एवं नैतिक उन्नयन का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
शांतिकुंज स्थित शक्तिपीठ प्रकोष्ठ के अनुसार यह शिविर विशेष रूप से परिव्राजक सेवा में संलग्न कार्यकर्ताओं के व्यक्तित्व निर्माण, श्रद्धा-संवर्धन एवं मिशन के जन्मशताब्दी लक्ष्यों के प्रति दायित्वबोध को जाग्रत करने हेतु आयोजित किया गया है।