
सकारात्मक सोच, भावनात्मक संतुलन, आत्म-जागरूकता और सामाजिक जुड़ाव हैं मानसिक स्वास्थ्य के प्रमुख स्तंभ-प्रो बत्रा
22 नवम्बर 2025
हरिद्वार।
एस एम जे एन महाविद्यालय में आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देश में आतंरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा मानसिक तनाव प्रबंधन तथा परीक्षा पे चर्चा विषय पर कार्यशाला आयोजित की गयी। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्रीमहन्त रविन्द्रपुरी, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कहा कि आज विश्व भर में एक अरब से अधिक लोग, मानसिक स्वास्थ्य अवस्था में जीवन गुज़ार रहे हैं, जिसका व्यक्तियों, परिवारों और अर्थव्यवस्थाओं पर गहरा असर हो रहा है। श्रीमहन्त ने कहा कि आजकल जिंदगी काफी व्यस्त और तेज रफ्तार वाली हो गयी हैं। पढ़ाई का दबाव, दोस्तों का असर, अत्यधिक सोशल मीडिया तथा डिजिटल साधनो के प्रयोग से युवाओं की सेहत और कॉन्फिडेंस पर भी बुरा असर देखने के साथ साथ Gen Z मानसिक तनाव की समस्या से घिरे हुए हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य केवल बीमारी की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि एक संतुलित भावनात्मक, शारीरिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्थिति है। उन्होंने सकारात्मक सोच, भावनात्मक संतुलन, आत्म-जागरूकता और सामाजिक जुड़ाव को मानसिक स्वास्थ्य के प्रमुख स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि बताया कि मानसिक स्वास्थ्य एक निरंतरता है, और शुरुआती संकेतों की पहचान व खुला संवाद गंभीर समस्याओं की रोकथाम में मदद करता है। इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि यह कार्यशाला मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को समाज की वास्तविक समस्याओं के साथ जोड़ना आवश्यक है ताकि उपचार और देखभाल व्यापक स्तर पर प्रभावी हो सके। डॉ माहेश्वरी ने छात्र छात्राओं को कहा कि हमें अपने माता पिता से खुलकर बात करनी चाहिए क्योकि बचने का इससे बेहतर उपाय नहीं हैं। इस अवसर पर परीक्षा सम्बन्धी अवसाद को लेकर स्ट्रेस कॉउंसलर चारु सहगल ने कहा कि पढ़ाई मुश्किल नहीं होती हैं अपितु हमारी अनियंत्रित जीवन शैली के कारण हमें कठिन लगती हैं। उन्होंने छात्रों को स्क्रीन से दूर रहने की सलाह दी। इस अवसर पर महाविद्यालय के चिकित्सक डॉ प्रदीप त्यागी ने मानसिक तनाव के लक्षणों तथा उनसे बचने के उपायों विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर पूर्व छात्र मेहताब आलम ने हमें तुमसे प्यार कितना, बी ए के छात्र चन्द्रकिरण ने माई तेरी चुनरिया लहराई तथा पूर्व छात्रा शीना भटनागर ने गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम संयोजन प्रो विनय थपलियाल, डॉ मीनाक्षी शर्मा तथा डॉ पल्लवी द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ शिवकुमार चौहान, वैभव बत्रा, दिव्यांश शर्मा, विनीत सक्सेना, पंकज भट्ट, डॉ पुनिता शर्मा, डॉ मोना शर्मा, डॉ रेनू सिंह, डॉ विनीता चौहान, डॉ आशा शर्मा,डॉ रजनी सिंघल, डॉ लता शर्मा, रुचिता सक्सेना, डॉ पद्मावती तनेजा, कार्यालय अधीक्षक मोहन चंद्र पाण्डेय, प्रिंस श्रोत्रिय, संदीप सकलानी सहित अनेक छात्र छात्राये उपस्थित रहे।
