हरिद्वार। बैंक यूनियनों के आह्वान पर हरिद्वार में भी बुधवार को सभी केंद्रीय बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन से संबद्ध उत्तरांचल बैंक एम्प्लॉयज यूनियन के बैनर तले हरिद्वार के विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने रानीपुर मोड़ स्थित केनरा बैंक की प्रेमनगर शाखा पर एकत्रित होकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। प्रदर्शन में कई महिला बैंक कर्मचारी भी शामिल हुई। उत्तरांचल बैंक एम्प्लॉयज यूनियन के जिला सचिव राजकुमार सक्सेना ने कार्यक्रम का संचालन किया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में स्टील, खनिज संसाधन, कोयला, पेट्रोलियम, रक्षा, रेडियो, हवाई अड्डों, राज्य सरकारों के कर्मचारियों और स्वतंत्र ट्रेड यूनियनों की मांगों के समर्थन में और सरकार द्वारा जन विरोधी, आर्थिक विरोधी एवं कॉरपोरेट घरानों के हित में बनाए जा रहे श्रम कानूनों के विरोध में हड़ताल बुलाई गई है। उनकी मांग है कि सार्वजनिक उद्योगों का विनिवेश बंद किया जाए, जीवन बीमा और साधारण बीमा की प्रीमियम पर जीएसटी लगाना बंद किया जाए, ठेकेदारी प्रथा बंद की जाए, पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए, बीमा क्षेत्र में एफडीआई न चल जाए और सरकारी विभागों में भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने वर्क ऑन सीट एंड स्ट्रगल ऑन स्ट्रीट का नारा दिया और कहा कि यह हड़ताल इस बात का निर्धारण करेगी कि देश के नौजवानों को सरकारी नौकरी या रोजगार मिलेगा या नहीं। आरोप लगाया कि देश में युवाओं को रोजगार देने की बजाय सरकारी भर्तियों पर रोक लगा दी गई है। ठेकेदारी प्रथा लाकर युवाओं के हक पर डाका डालने का कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संयुक्त सचिव राहुल खुराना ने कहा कि चार लेबर कोड्स के ज़रिए जिन 29 श्रम कानूनों को बदला गया है, वो कॉरपोरेट सेक्टर को फ़ायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। उन्होंने साफ तौर से कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो अपने राज्य और केंद्रीय संगठन के दिशा निर्देशों के अनुसार चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किए जाएंगे। प्रदर्शन में विभिन्न बैंकों से महिला और पुरुष साथियों ने भाग लिया और अपने विचार रखे।
इस दौरान प्रियंका, एलोरिटा, सुप्रिया, रितिजा, बालकिशन, विकास सैनी, राजकुमार, प्रतीक, सौरभ, हिमांशु, शाकिर अंसारी, कुंदन, आशीष और मुकेश आदि बैंक कर्मचारी शामिल रहे।
लोगों को करना पड़ा परेशानियों का सामना
बैंको की हड़ताल का असर भी देखने को मिला। जिन लोगों को हड़ताल की जानकारी नहीं थी, वो बैंक पहुंचे और बैंक बंद देखकर उन्हें निराशा हाथ लगी। उन्हें परेशान होकर वापस लौटना पड़ा। रानीपुर मोड़ पर पीएनबी बैंक से पेंशन प्राप्त करने आई वृद्धा सलमा ने बताया कि दवाई के लिए बैंक से पैसे निकालने थे, लेकिन बंद बंद मिला। पहले मालूम होता तो अन्य कोई व्यवस्था कर लेती। केनरा बैंक में पैसे निकालने पहुंचे सुमेश और सोनिया खत्री ने बताया कि जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए रुपए निकालने थे। अगर हड़ताल का पहले पता होता तो रजिस्ट्री की तारीख किसी और दिन तय करते। हड़ताल की सार्वजनिक सूचना देनी चाहिए थी।