हरिद्वार 18 मई।
आज हमारे वीर सैनिकों की वीरता को समस्त देशवासी सलाम कर रही है, तो वहीं शांतिकुंज परिवार उनकी वीरता, शौर्य को सलाम करते हुए शृंखलाबद्ध कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इसके अंतर्गत शांतिकुंज के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली एवं स्थान-स्थान पर लाठी संचालन का अभ्यास कर देश के वीर सैनिकों की गौरवगाथा को नमन किया। इस रैली का उद्देश्य देशभक्ति की भावना को जागृत करना और युवाओं में राष्ट्रसेवा के प्रति उत्साह पैदा करना है।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने अपने संदेश में कहा कि अब समय आ गया है देश के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने का, वीरों के पदचिह्नों पर चलने का और नये भारत के निर्माण में अपना योगदान देने का। अपने वर्चुअल संदेश में युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि हर युवा जो अपने जीवन को अनुशासित करता है, चरित्रवान है और जो समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी और बहादुरी से अपने कर्तव्यों का पालन करता है- वह भी एक सच्चा सैनिक और राष्ट्र का रक्षक है।
रैली के दौरान देशभक्ति गीतों के साथ भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारे गूंजते रहे। गायत्री साधकों ने भारतीय वेशभूषा में लाठी संचालन का प्रदर्शन किया, जो न सिर्फ आत्मरक्षा का एक प्रतीक था, बल्कि वीर सैनिकों की दृढ़ता और साहस का भी परिचायक था।
यह कार्यक्रम आपरेशन सिंदुर से उपजी घटनाक्रमों तथा हमारे वीर सैनिकों की अपार सफलता और गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी वर्ष (2026) के अंतर्गत संचालित राष्ट्र जागरण अभियान का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत युवा वर्ग को चरित्र निर्माण, सेवा भावना एवं राष्ट्रप्रेम के लिए प्रेरित किया जा रहा है।