पूरी मानवता के लिए सूर्योदय होने जा रहा है ः डॉ चिन्मय पण्ड्या

शंातिकुंज की टीम भारत सहित अनेक देशों में करेंगे सघन जनसंपर्क

हरिद्वार 20 जुलाई।

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा है कि यह समय पूरी मानवता के लिए एक नवचेतना के सूर्योदय का संकेत दे रहा है। जिस प्रकार एक मुर्गा सुबह के आगमन की सूचना देता है, उसी तरह हमें जन-जन को जागरूक करने का कार्य करना है।

युवा आइकॉन डॉ. पण्ड्या माता भगवती देवी शर्मा जी की जन्मशताब्दी तथा अखण्ड दीपक प्रकाट्य के शताब्दी वर्ष (2026) के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने हेतु आयोजित एक वर्चुअल मीटिंग को संबोधित कर रहे थे। इस ऑनलाइन बैठक में भारत सहित इटली, मॉरिशस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, फिजी समेत 25 देशों के गायत्री परिजनों ने सहभागिता की।

युवा आइकॉन डॉ पण्ड्या ने कहा कि आज जब दुनिया में चिंता और भय का वातावरण है, ऐसे समय में हमें समाज में आशा, प्रेरणा और आध्यात्मिक प्रकाश फैलाने का कार्य करना है। प्रत्येक गायत्री परिजन को अखण्ड ज्योति के प्रतिनिधि के रूप में समाज में सक्रिय होना है। युवा आइकॉन डॉ. पण्ड्या ने कहा कि जन्मशताब्दी वर्ष का प्रथम चरण का आयोजन जनवरी 2026 में हरिद्वार में होना है, जबकि दूसरा चरण नवंबर 2026 में आयोजित होगा। इसी तरह के आयोजन वर्ष 2030 तक प्रतिवर्ष आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जन्मशताब्दी ज्योति कलश यात्राएँ भारत के साथ-साथ दुबई, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इंग्लैंड, लिथुआनिया, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में भी निकाली जा रही हैं। ये ज्योति कलश यात्राएँ जनवरी 2026 के आयोजन में शांतिकुंज, हरिद्वार लौटेंगे। इसके पश्चात वियतनाम, हांगकांग आदि देशों में जहाँ अभी तक नहीं पहुँच पाया है, वहाँ यात्राएँ निकाली जायेंगी। वहीं जन्मशताब्दी वर्ष के अंतर्गत जाने वाली जनसंपर्क टोली के सदस्यों को संबोधित करते हुए डॉ चिन्मय पण्ड्या ने वर्तमान समय की माँग के अनुसार कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम विभाग के समन्वयक श्री श्याम बिहारी दुबे ने बताया कि जन्मशताब्दी वर्ष की पूर्व तैयारियों के अंतर्गत शांतिकुंज से 52 जनसंपर्क टोलियाँ देशभर में भ्रमण करेंगी। इन टोलियों में प्रत्येक में 3 से 4 प्रतिनिधि होंगे, जो जन-जन तक शताब्दी वर्ष के संदेश को पहुँचाने का कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि सघन जनसंपर्क अभियान के माध्यम से समाज को जागरूक कर कार्यक्रमों में अधिक से अधिक सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, कनाडा, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया, जापान, न्यूजीलैंड सहित 25 देशों के लिए अलग टोलियाँ गठित की गई हैं। ये टीमें विदेशों में भारतीय संस्कृति एवं अध्यात्म का प्रचार-प्रसार करेंगी तथा जन्मशताब्दी वर्ष की ज्योति को वहाँ तक पहुँचाएंगी।

  • Related Posts

    एसएमजेएन पीजी कॉलेज में दीपावली मिलन समारोह आयोजित, पत्रकारिता को मिलेगा नया आयाम

    *दीपावली केवल दीप जलाने का नहीं, आत्मिक अंधकार को मिटाने और सामाजिक एकता को मजबूत करने का पर्व है: श्रीमहंत रविंद्र पुरी* हरिद्वार। दीपों के पर्व दीपावली के अवसर पर…

    सनातन धम का सबसे बड़ा पर्व है दीपावली:स्वामी राजराजेश्वराश्रम

    दीपावली का मूल भाव अंधकार को दूर भगाना है:स्वामी कैलाशानंद गिरि दीपावली अंधकार से प्रकार की और जाने का संदेश देती है:श्रीमहंत रविंद्रपुरी हरिद्वार, 19 सितम्बर। जगद्गुरू शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम महाराज…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    एसएमजेएन पीजी कॉलेज में दीपावली मिलन समारोह आयोजित, पत्रकारिता को मिलेगा नया आयाम

    • By Admin
    • October 21, 2025
    • 3 views

    सनातन धम का सबसे बड़ा पर्व है दीपावली:स्वामी राजराजेश्वराश्रम

    • By Admin
    • October 19, 2025
    • 3 views

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल

    • By Admin
    • October 19, 2025
    • 5 views

    एम सी एस बाल विद्यापीठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दीपोत्सव का भव्य आयोजन, रंगोली प्रतियोगिता में बच्चों ने दिखाया उत्साह

    • By Admin
    • October 18, 2025
    • 5 views

    दीपावली पर श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज का देशवासियों को संदेश ‘फ्रेंडली दीपोत्सव मनाएं, मिट्टी के दीए जलाएं’

    • By Admin
    • October 18, 2025
    • 7 views

    भारत की संस्कृति और सभ्यता के लिए जीवनदायिनी हैं मां गंगा: प्रो बत्रा

    • By Admin
    • October 17, 2025
    • 7 views