हरिद्वार।
पुत्री के साथ हुए दुष्कर्म में सहायता करने की आरोपी मां की जमानत अर्जी अपर जिला जज एफटीएससी चंद्रमणि राय ने रद्द कर दी है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेन्द्र चौहान ने बताया कि वर्ष 2014 में असम के गांव मोरी देऊसाल निवासी आरोपी मां हरिद्वार में रहने वाले कृष्ण मुरारी के साथ लिविंग रिलेशनशिप में रहने आई थी। वर्ष 2021 में आरोपी मां अपनी पुत्री को असम से हरिद्वार अपने पास ले आई। आरोप लगाया था कि जनवरी 2022 में मुख्य आरोपी कृष्ण मुरारी ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया। यहीं नहीं, आरोपी मां पर पीड़िता पर अवैध संबंध बनाने का दबाव बनाने का आरोप है। आरोप है कि पीड़िता के शिकायत करने पर आरोपी मां ने चुप रहने के लिए कहा था। इसके बाद आरोपी मां व मुख्य आरोपी कृष्ण मुरारी पर पीड़िता को गाजियाबाद यूपी निवासी अपने परिचित शुक्ला परिवार के यहां भेज दिया था। जहां पीड़िता ने सारी आपबीती शुक्ला परिवार को बताई थी। वहीं, आरोपी मां पर असम में शुक्ला परिवार पर झूठा मुकद्दमा दर्ज कराने का आरोप लगाया है। उक्त मुकदमे की विवेचना के दौरान पीड़ित लड़की ने मुख्य आरोपी कृष्ण मुरारी पर दुष्कर्म करने और अपनी आरोपी मां पर दुष्कर्म में सहायता कराने का बयान पुलिस को दिया गया था। पीड़ित लड़की ने शुक्ला परिवार को निर्दोष बताया था। पुलिस ने मुख्य आरोपी कृष्ण मुरारी व आरोपी मां को गिरफतार कर जेल भेज दिया था। विवेचना पूरी करने पर विवेचक एसआई प्रियंका भारद्वाज ने दोनों के विरुद्ध संबधित धाराओं में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। फिलहाल, केस में पीड़ित लड़की समेत छह गवाह के बयान दर्ज हो चुके हैं।मामले की सुनवाई के बाद अपर जिला एफटीएससी न्यायाधीश चंद्रमणि राय ने आरोपी मां की जमानत अर्जी रद्द कर दी है।