हरिद्वार: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने अल्मोड़ा जिले के साल्ट ब्लॉक में हुए दर्दनाक बस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने घटना में मारे गए यात्रियों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हुए मृतकों की आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थना की।
हादसा अल्मोड़ा जिले के सल्ट ब्लॉक में हुआ, जब यात्रियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। इस भीषण दुर्घटना में कई लोगों की जान चली गई, जबकि कुछ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की खबर मिलते ही प्रशासन और राहत टीमों ने घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार चल रहा है।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि इस दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा, “हम सभी इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ हैं। भगवान से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और उनके परिवारों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति प्रदान हो।” इसके साथ ही उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की और प्रशासन से अनुरोध किया कि पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद और राहत प्रदान की जाए। उन्होंने विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। मंदिर के संतों और श्रद्धालुओं ने भी सामूहिक रूप से प्रार्थना करते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि पहाड़ी इलाकों में सड़क हादसों की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी मार्गों पर वाहन चलाते समय सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने भी यात्रियों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए, ताकि इस तरह की हृदयविदारक घटनाओं को रोका जा सके। उत्तराखंड उच्च शिक्षा परिषद के सदस्य और एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि हादसा बेहद दुःखद है। पूरा उत्तराखंड दुखी परिवारों के साथ खड़ा है। शोक जताने वालों में डॉ. संजय माहेश्वरी, प्रो. विनय थपलियाल, डॉ शिवकुमार चौहान, डॉ मनोज सोही, मोहन चन्द्र पांडेय आदि शामिल रहे।