दुष्कर्म के मामले में आरोपी पिता को 20 वर्ष की कठोर कैद

13 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म करने का लगाया था आरोप

हरिद्वार।संवाददाता

नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म करने के मामले में विशेष पोक्सो जज/अपर जिला जज/एफटीएससी चंद्रमणि राय ने आरोपी युवक को दोषी करार दिया है। एफटीएससी कोर्ट ने आरोपी पिता को 20 वर्ष कठोर कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।

शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि तीन मार्च 2021 को कनखल क्षेत्र में 13 वर्षीय पुत्री के साथ बलात्कार का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था। घटना के तीन दिन बाद पीड़ित बच्ची की शिकायतकर्ता माता ने पुलिस को बताया कि अब से चार वर्ष पूर्व पति की मृत्यु होने पर शिकायतकर्ता अपने तीन बच्चों के साथ आरोपी पिता के संग हरिद्वार में रहने लगी थी। उसी दौरान आरोपी पिता शिकायतकर्ता व उसके तीनों बच्चों को अपने साथ काम करने के लिए पंजाब ले गया था। जहां आरोपी पिता पर अपनी 13 वर्षीय पुत्री के साथ जबरदस्ती बलात्कार करने का आरोप लगाया था। वहीं, थोड़े दिन बाद सभी हरिद्वार वापिस लौट आए थे। जिसपर तीन दिन पहले मौका पाकर रात के समय आरोपी पिता ने नाबालिग पुत्री के साथ बलात्कार करने का प्रयास किया है। यही नही, शिकायतकर्ता के विरोध करने पर आरोपी पिता मारपीट कर वहां से भाग गया था।करथा। शिकायतकर्ता माता ने आरोपी बबलू पुत्र नत्थू लाल निवासी ग्राम विधा नगला थाना बिसौली जिला बदायूं यूपी के खिलाफ संबधित धाराओं में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 11 गवाह पेश किए।

पांच लाख रूपये की आर्थिक मदद देने के दिए आदेश

विचारण कोर्ट ने पीड़ित बच्ची की सामाजिक, आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए पांच लाख रूपये प्रतिकर राशि के रूप में देने के आदेश दिए हैं। वहीं, उक्त निर्णय की एक कॉपी जिलाधिकारी व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भिजवाकर निर्भया प्रकोष्ठ से उचित राशि दिलाने के निर्देश दिए हैं।

जुर्माना न देने पर अतिरिक्त सजा

विशेष कोर्ट ने आरोपी युवक को 20 वर्ष कठोर कैद व 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड राशि जमा नहीं करने पर उसे तीन माह के अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा सुनाई है।

विधवा महिला का किया गया शोषण

शिकायतकर्ता माता ने पुलिस को बताया कि करीब 15 वर्ष पूर्व पहले पति से उसकी शादी हुई थी। जिससे उसके दो बड़ी पुत्री व एक पुत्र पैदा हुआ था। करीब चार वर्ष पूर्व पहले पति की मृत्यु होने पर झुग्गी झोपडी में रहने लगी थी। वहीं पर आरोपी से मुलाकात हुई और आरोपी बतौर पत्नी की तरह रखने लगा था।

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